गुड्डा एक साल का
अभी तलक था छोटा बच्चा
लेकिन अब नहिं छोटा है,
आज हुआ है एक साल का
बाबा का ये बच्चा है |
मैं, डा. राकेश शरद, घोषणा करता हूँ कि मैं व्यंग्य क़ी शरण में हूँ. व्यंग्य ही मेरे लिए बुद्धत्व है.समझो क़ी मैं बोध को प्राप्त हूँ. आओ तुम भी बोलो...व्यंग्यम शरणम गच्छामि !