स्वागत हो तेरा सन बारह
सन ग्यारह ने ,
अज़ब गज़ब का खेल दिखाया ,
इसने खाया -उसने खाया ,
मिलकर सबने जमकर खाया |
लाख बिठाये पहरे पीछे ,
निकलकर कुछ भी बाहर न आया |
बाहर गाली देते दीखे ,
पीछे सबने हाथ मिलाया |
इधर कलह और उधर ज़िरह
स्वागत हो तेरा सन बारह .......
स्वागत हो तेरा सन बारह .......
काले धन का दानव छाया ,
बाबा ने है योग कराया ,
सरकारी सांडों ने पीछे से ,
सीबीआई का भूत लगाया |
नंग बड़ा परमेश्वर से ,
भूत को प्राणायाम कराया ,
सीबीआई वापस भागी ,
बिन आश्रम को किये फ़तह
स्वागत हो तेरा सन बारह ......
स्वागत हो तेरा सन बारह ......
किसी तरह मैटर निपटा था ,
सहसा निकला दूसरा जिन्न
लेकिन था बाबा से भिन्न ....|
देश गा रहा था बन्ना,
महाराष्ट्र से निकला अन्ना ,
उसे देख नेता गए भन्ना ..|
मंत्री डाक्टर निकले बच्चा ,
अन्ना केस में खा गए गच्चा..|
बाबा बाली दी दबाई ,
अन्ना पर वो काम आई |
इधर कुंआं था ,
उधर थी खाई |
फ़तह दिला गया सत्याग्रह ......
स्वागत हो तेरा सन बारह ......
स्वागत हो तेरा सन बारह .......|
बूटीनाथ जी हमसे बोले --
नयी साल में क्या करोगे ........?
किस होटल में हमें मिलोगे .........?
एक ठहाका लगा के सहसा ,
हम कुछ ऐसे उनसे बोले ......
नयी साल के पहले दिन
सुबह -सुबह ,
गुरु दर्शन को हम जायेंगे ,
ठाकुरजी को ,शीश नवाकर
प्रभु -कृपा हम पाएंगे ..|
मात -पिता का बंदन होगा ,
बड़े बुजुर्गों का अभिनन्दन होगा ,
बच्चों के सुन्दर माथे पर ,
गुरु नाम का चन्दन होगा ...|
देश पे जिसने आँख उठाई ,
हाथ में चक्र सुदर्शन होगा |
देश समाज खुशहाल रहें ,
यही हमारा चिंतन होगा ...|
गुरु चरणों का चरनामृत पीकर ,
कष्ट होंगे नों-दो -ग्यारह ....
स्वागत हो तेरा सन बारह ..... !
स्वागत हो तेरा सन बारह .......!