सोमवार, मई 31, 2010

चिरिया का पहला बर्थडे

वो बहुत छोटी है
एक सौनचिरैया की मानिंद
प्यारी प्यारी सी
इन्द्रधनुसीय रंगों से भरी
भिन्न भिन्न मुद्राओं की किलकारी सी
रेशम जैसी कोमल
नटखट चितवन , निर्मल मन की
मेरी चिड़िया है

यहाँ एक राज है
चिड़िया मेरे बेटे की बेटी है
यानिकी मेरा मूल धन नहीं
अपितु व्याज है |
 मेरी यह व्याज एक बिटिया है
इसका मुझे नाज है |

मुझे पता ही नहीं चला कि,
कब वो एक साल कि हो गई ,
शायद तभी बुजुर्गों ने कहा है कि ,
बेटियां कब बड़ी हो जाती हैं ,
पता नहीं चलता |
मेरी ये चिड़िया ,
हिमाचल कि बेटी है ,
मेरे गुरुदेव का आशीर्वाद है ,
प्रथ्वी पर प्रकृति का प्रसाद है |

वाकनाघाट की सुरम्य वादियों में ,
हिमाचल की ऊँची- ऊँची पहाड़ियों में ,
शीतल हवाओं के झोकों के बीच
चीड़ के ऊँचे ऊँचे ब्रक्षों से घिरी
हिमाचली लताओं से लिपटी
एक काटेज में ,
हम सबने अपनी चिड़िया का
पहला जन्मदिन ,
जिसमें बाबा,अम्मा ,पापा ,मम्मा ,चाचा ,मौसी ,अडौसी-पडौसी
सबके -सबके  साथ थे ,
हँसते गाते मनाया |