Dharm


                    जिज्ञासा एवं समाधान




                    हम एक ऐसा कालम आरम्भ करने जा
  रहे हैं जहाँ आप धर्म , आधात्म एवं जीवन-दर्शन से
सम्बंधित अपनी किसी भी जिज्ञासा का समाधान`प्राप्त कर सकते हैं |

                        भूमि के प्रसिध संत अनन्तश्री विभूषित महामंडलेश्वर श्री स्वामी गुरुशरनानंद जी
           अपने भक्तों एवं जिज्ञासुओं का मार्गदर्शन करेंगे|  आप अपनी जिज्ञासाओं को मेरे email-
vyangguru@gmail.com- मेरे मोबाईल -09259021616 पर भेज सकते हैं
हम आपके प्रश्नों की प्रतीक्षा करेंगे

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प्रश्न -महाराजश्री ,आगरा से धर्मेंद्रजी जानना चाहते हैं की ये धर्म क्या है ?
महाराजश्री -धर्म का सीधा-सीधा अर्थ है जो हमारे आचरणों के ऊपर नियंत्रण कर सके ये हमारे प्रत्येक क्रिया-
 कलाप का निमित्त है कुछ चीजें करनी हैं वो विधेयक धर्म हो गया कुछ चीजें नहीं करनी हैं -वो निषेध धर्म हो
गया |हमको क्या करना है क्या नहीं करना है,जो उसका नियत्रण करके उच्च मार्ग की ओर ले जा सके ,उसे हमें करना है |

प्रश्न -महाराजश्री ,सभी धर्मों में दान पर जोर दिया गया है |  आज इस घोर कलियुग में कौन दान का पात्र है
महाराजश्री -हाँ ,दान अपने द्रव्य की शुद्धी के लिए दिया जाता है दान देने के लिए देश ,काल ,और पात्र अवश्य रखना चाहिए दान का अर्थ है जिससे हमें कोई स्वार्थ वापस नहीं लेना है उसे दान देना है ये अवश्य ध्यान रखना है कि हमारी दी हुई चीज या संपत्ति असत कार्य में न लगे , तो उसका सदपयोग होगा इसकी जाँच कर लेना आवशक है |

प्रश्न -महाराजश्री ,हिन्दू धर्म में गौ -सेवा पर सर्वाधिक जोर है इतने व्यस्त जीवन में गौ सेवा कैसे करें ?

महाराजश्री-- गौ-सेवा को केवल धार्मिक पक्ष के साथ नहीं जोड़ना चहियेगौ सेवा हमारा सामाजिक एवं आर्थिक समाधान का भी साधन है जिस समय यह मान्यता बनी थी ,उस समय गौ को धन के रूप में देखा जाता था -गौ -धन मुख्य धनसारा transaction (लेन- देन ) सब का सब गौ के माध्यम से होता था -गाय का गोबर खेती में ,गाय का चमडा युद्ध के लिए व पेरों के लिए ,गाय की हड्डी खाद के लिए ,गाय का बच्चा बैल बनाने के लिए , यानिकी इसका कोई भी अंग हेय नहीं है गाय के गोबरका यदि प्रयोग किया जाय तो उस पर ये जो रेडियेशन है ,उसका प्रभाव नहीं पड़ता |
                   वर्तमान युग यदि हम गौ सेवा नहीं कर पा रहे हें तो तो जहाँ गौ सेवा हो रही है वहां हम योगदान कर सकते हैं |