रविवार, जनवरी 01, 2012

नव वर्ष की शुभ- कामनाएं


 


स्वागत हो तेरा सन बारह

सन ग्यारह ने ,

अज़ब गज़ब का खेल दिखाया ,

इसने खाया -उसने खाया ,

मिलकर सबने जमकर खाया |

लाख बिठाये पहरे पीछे ,

निकलकर कुछ भी बाहर न आया |

बाहर गाली देते दीखे ,

पीछे सबने हाथ मिलाया |

इधर कलह और उधर ज़िरह

स्वागत हो तेरा सन बारह .......

स्वागत हो तेरा सन बारह .......


काले धन का दानव छाया ,

बाबा ने है योग कराया ,

सरकारी सांडों ने पीछे से ,

सीबीआई का भूत लगाया |

नंग बड़ा परमेश्वर से ,

भूत को प्राणायाम कराया ,

सीबीआई वापस भागी ,

बिन आश्रम को किये फ़तह

स्वागत हो तेरा सन बारह ......

स्वागत हो तेरा सन बारह ......


किसी तरह मैटर निपटा था ,

सहसा निकला दूसरा जिन्न

लेकिन था बाबा से भिन्न ....|

देश गा रहा था बन्ना,

महाराष्ट्र से निकला अन्ना ,

उसे देख नेता गए भन्ना ..|

मंत्री डाक्टर निकले बच्चा ,

अन्ना केस में खा गए गच्चा..|

बाबा बाली दी दबाई ,

अन्ना पर वो काम आई |

इधर कुंआं था ,

उधर थी खाई |

फ़तह दिला गया सत्याग्रह ......

स्वागत हो तेरा सन बारह ......

स्वागत हो तेरा सन बारह .......|


बूटीनाथ जी हमसे बोले --

नयी साल में क्या करोगे ........?

किस होटल में हमें मिलोगे .........?

एक ठहाका लगा के सहसा ,

हम कुछ ऐसे उनसे बोले ......


नयी साल के पहले दिन

सुबह -सुबह ,

गुरु दर्शन को हम जायेंगे ,

ठाकुरजी को ,शीश नवाकर

प्रभु -कृपा हम पाएंगे ..|

मात -पिता का बंदन होगा ,

बड़े बुजुर्गों का अभिनन्दन होगा ,

बच्चों के सुन्दर माथे पर ,

गुरु नाम का चन्दन होगा ...|

देश पे जिसने आँख उठाई ,

हाथ में चक्र सुदर्शन होगा |

देश समाज खुशहाल रहें ,

यही हमारा चिंतन होगा ...|

गुरु चरणों का चरनामृत पीकर ,

कष्ट होंगे नों-दो -ग्यारह ....

स्वागत हो तेरा सन बारह ..... !

स्वागत हो तेरा सन बारह .......!

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