बुधवार, जून 01, 2011

बाबा रामदेव और सत्यासन

            बाबा रामदेव और सत्यासन

गांधीजी के बाद देश में सत्याग्रह का सीजन चल रहा है I पहले अन्ना हजारे फिर बाबा रामदेव I सब बड़े चिंतित हैं कि देश में विदेश से कला धन कैसे वापस आए I काला धन जैसे ही वापस आएगा वैसे ही भारत की अर्थ व्यवस्था सुपर रिन की तरह चमचमा उठेगी I सो जिसे देखो वोही सत्यागृह करने पर आमादा है I अंतर सिर्फ इतना है कि ये महापुरुष काले धन से अर्थ व्यवस्था को चमकाने का प्रयास कर रहे हैं  और हमारी जनप्रिय सरकार सफ़ेद धन से अर्थ व्यवस्था को काला करने में जुटी पड़ी है I
                                         दरअसल ये विचारों का मतभेद है और कुछ भी नहीं I दोनों ही राष्ट्र का उत्थान करना चाहते हैं I राष्ट्र तभी ऊपर उठेगा जब लोग काम करेंगे और लोग तभी काम करेंगे जब दाम मिलेगादाम तभी मिलेगा जब लोगों का लीक से हटकर काम होगा I लीक से हटकर तभी काम होगा जब सरकारी अफसर नियमों को तोड़ मरोड़ेंगे I अफसर तभी नियमों को तोड़ पायेंगे जब मंत्रियों को धन मिलेगा I मंत्रियों को धन तभी मिलेगा जब सरकार अपनी आँखें बन्द करे रहेगी I
                                          सरकार सरकार होती है I ये शायद इन सीधे साधे सत्याग्रहियों को नहीं मालूम I सरकार का अर्थ होता है सरक यार I एक सत्याग्रही जैसे बैठा तो सरकार बोली - बहुत हो गया, अब तो सरक यार I और जैसे ही वोह सरका दूसरा आकर बैठ गया I सरकार सरकार होती है I ये शायद इन सीधे साधे सत्याग्रहियों को नहीं मालूम I सरकार का अर्थ होता है सरक यार I एक सत्याग्रही जैसे बैठा तो सरकार बोली - बहुत हो गया, अब तो सरक यार I और जैसे ही वो सरका दूसरा आकर बैठ गया फिर लेनदेन का खेल चालू हो गया I 

                    सुना है सरकार दिल्ली में एक सत्याग्रह मंच का निर्माण कराने की सोच रही है ताकि भ्रष्टाचार के खिलाफ महान लोग आकर सत्याग्रह कर सकें I सरकार ने इन सत्याग्रहियों से बातचीत करने को एक अलग कमेटी का निर्माण कर दिया है जिसमें एक से एक घाघ मंत्री शामिल हैं I इन लोगों में इतनी योग्यता है कि सीधी साधी बात को भी इतनी जटिल बना देते हैं कि किसी निर्णय तक पहुँच ही नहीं पाते I 
 
                 ये सत्य की फुटबाल फुला रहे हैं और वो फुटबाल की हवा निकाल रहे हैं...खेल पूरी ईमानदारी के साथ चालू है I देश तमाशा देख रहा है I  सुना है
कि दोनों तरफ के खिलाड़ी एक दूसरे पर स्पोंसर्ड होने का आरोप लगा रहे हैं I  जनता आशावान है कि कुछ ना कुछ तो होगा ही I  ये ऊपर के स्तर पर भ्रष्टाचार सफाई का खेल है I  जबकि नीचे के स्तर पर सब कुछ यथावत चल रहा है I  फिर भी बाबा लगे पड़े हैं I  पहले वो शीर्षशाशन करा रहे थे, अब सत्याशन करा रहे हैं I  निश्चित रूप से काला धन वापस आएगा I देश में खुशियों को लाएगा I  आम आदमी दोनों टाइम खाना खाएगा, क्योंकि न रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी I 

                 आओ हम सब दिल्ली चलें.............!!!

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